शून्य से अनंत की ओर
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मेरी कविता मुझे बता
क्या तू मुझको
भोजन भी दे पाएगी ?
क्या रोगों –शोकों से
मुझे दूर रख पाएगी ?
बूढ़े बाप की
थकी हड्डियों को
क्या तू राहत पहूंचायेगी ?
ताने देती मेरी माँ के
हृदय को शीतल कर पाएगी ?
मेरी कविता मुझे बता !!
© हरि प्रकाश दुबे
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